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धारा 25 - सम्मति से किया गया कार्य जिससे मृत्यु या घोर उपहति कारित करने का आशय न हो और न उसकी सांभव्यता का ज्ञान हो

धारा 25 - सम्मति से किया गया कार्य जिससे मृत्यु या घोर उपहति कारित करने का आशय न हो और न उसकी सांभव्यता का ज्ञान हो
काल्पनिक चित्र 

भारतीय न्याय संहिता, 2023 (BNS) की धारा  25 

 (सम्मति से किया गया कार्य जिससे मृत्यु या घोर उपहति कारित करने का आशय न हो और न उसकी सांभव्यता का ज्ञान हो) 

 कोई बात जो, मृत्यु या घोर उपहति कारित करने के आशय से न कि गई हो और जिसके बारे में कर्ता को यह ज्ञात न हो की उससे मृत्यु या घोर उपहति कारित होना सम्भाव्य है किसी ऐसी अपहानि के कारण अपराध नही है जो उस बात से अट्ठारह वर्ष से अधिक आयु के किसी व्यक्ति को, जिसने वह अपहानि सहन करने की या अभिव्यक्त या विवक्षित सम्मति दे दी हो, कारित हो या कारित होना कर्ता द्वारा आशायित हो या जिसके बारे में कर्ता को ज्ञात हो की वह ऐसे किसी व्यक्ति को, जिसने उस अपहानि की जोखिम उठाने की सम्मति दे दी है उस बात द्वारा कारित होनी सम्भाव्य है। 

उदाहरण - A और B आमोदार्थ आपस मे पट्टेबाजी करने को सहमत होते है इस सहमति में किसी अपहानि को, जो ऐसी पट्टेबाजी में खेल के नियम के विरुद्ध न होते हुए कारित हो उठाने की प्रत्येक की सम्मति विवक्षित है और यदि A यथानियंम  पट्टेबाजी करते हुए B को उपहति कारित कर देता है तो A कोई अपराध नही करता हैं।

(IPC) की धारा 87 को (BNS) की धारा 25  में बदल दिया गया है।
(IPC) की धारा 87 को (BNS) की धारा 25  में बदल दिया गया है।


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